बदलते रिश्ते
मै जब भी उस से मिलती हूँक्यों उस जैसी हो जाती हूँउसके ख्यालो को सोचती हूँउसकी ही आहटो पे चलती हूँउसकी दी हुई बोली ही बोलती हूँफिर भी क्यों वो ….मेरी तरह नहीं सोचतामेरी...
अपनों के साथ के साथ ….अंजु चौधरी
मै जब भी उस से मिलती हूँक्यों उस जैसी हो जाती हूँउसके ख्यालो को सोचती हूँउसकी ही आहटो पे चलती हूँउसकी दी हुई बोली ही बोलती हूँफिर भी क्यों वो ….मेरी तरह नहीं सोचतामेरी...
क्या कभी माचिस की तीली को जलते देखा है आपने ? रोशनी से भरपूर वोपर पल भर में ढेर वोघर के चिरागों कोरोशन करती वोचुल्हा जलाभूखे को रोटी काआसरा देती वोभटके पथिक कीरोशनी की...
हां …कुछ रिश्ते अनाम होते हैजो ना दो नाम तो वहीवही बदनाम होते हैजो लबो से बोल दोवही ”आम ” होते है ”आँख” और ”आंसू” भी एक रिश्ता है यूँ तो देखो तो पानी...
किताबें बंद हैं यादों की जब सारी मेरे मन मेंये किस्से जेह्न से रह-रह कौन पढ़ता है वो बचपन में कभी जो तितलियाँ पकड़ी थीं बागों मेंबरस बीते, न अब तक रंग हाथों से...
क्या गुनाह है मेरा क्या गुनाह है मेराखफा क्यों हो दिल तोड़ने वालेसितमगर बेवफा कहलायेगागम में रहकर भीजीने कि कोई किरणदिखाई नहीं देती हैक्या गुनाह है मेराखफा क्यों हो जो हुए टूटे खिलौने कोफिर...
उसकी बे पनाह मोहब्बत भरी बातो को समझा हर इशारे में उसकी मोहब्बत की इबादत का रंग नज़र आता है आ कर वो मेरे कानो में धीमे से एक गीत गुनगुनाता हैमैंने तो आँखों...