मै क्या हू …..?
मै क्या हू …..?मै क्या सोचती हू ?मै क्या चाहती हू ?खुद नहीं जानती ……..क्या पाना ,क्या खोनामेरे लिए सब एक सा है ..क्यूकि इस दिल से उम्मीद ….शब्द ही मिट चुका है|कभी सोचू………ऐसा...
अपनों के साथ के साथ ….अंजु चौधरी
मै क्या हू …..?मै क्या सोचती हू ?मै क्या चाहती हू ?खुद नहीं जानती ……..क्या पाना ,क्या खोनामेरे लिए सब एक सा है ..क्यूकि इस दिल से उम्मीद ….शब्द ही मिट चुका है|कभी सोचू………ऐसा...
दो हंसो का जोड़ानिर्मल,पवित्र ,पाक साश्वेत, श्यामल स्वछ सा ..चला है इस पार से उस पार..अपने पशुत्व को जीत केदेने चला सबको प्यार का उपहार …….दो हंसो का जोड़ा ……..देखो फिर बदली दिशा अपनी...
होली है ………होली है …….आयो खेले होली मिल केदिल से दिल तक है ये सफ़रइस बार …फागुन कुछ बहका बहका हैमन भी कुछ महका महका हैले रंगों के बोछार…उडे लाल लाल गुलाल..भरे प्यार की...
यादो के सफ़ेद परिंदे ….नीले आकश से है उतरेसफ़ेद परिंदों कि चादर चारो है फैली …कितनी निर्मल ,कितनी पवित्र ,और मन को शांति प्रदान करने वाली ,मेरी इन यादो में है बच्चपन बसा ,यौवन...
मै जग में बहुत नाची ,कभी क्रोध ने नचाया ,तो कभी कामनायों ने अपना सर उठाया ,कभी वसनायो ने आके मुझे हिलाया ,तो कभी लालच ने ललचाया ………क्या हू मै …….हर पल ये ही...
एक माँ कि पीडा …जो ना तो अपने बच्चो से कुछ कहेसकती है ……और ना ही अपने बडो को ….बड़े जो सब कुछ जानते हुए भी कुछ समझना नहीं चाहते,और …….बच्चे कुछ समझते नहीं...
आज का मौसमऔर सर्द हवा के झोकेलिपटी मै गर्म कपड़ो मेक्या जानू ,की सर्दी है क्या ..ऊपर से बारिश का ये नज़ारा जोकमरे से देखी मैंनेतो मेरे मन को वोहनज़ारा भा गयापरतभी किसी मासूम...
उड़ने दो ..उड़ने दो खुले आसमा में ,अरमानो के पंख लगा ….उड़ने दो ,जंहा सारा आसमा मेरा हो ,जंहा ना बंदिशों का डेरा हो …भले मिले ना इन राहो पे फूल तो ,उनके काँटों...
एक ऐसी लड़की …एक ऐसी औरत ..जो अपने प्यार मै अंधी हैजिसे नहीं पता की उसका अंजाम क्या होने वाला हैउस पीडा को अपने शब्दों में ढलने का प्रयास किया है …………………….……………………………………………………………………………………………………………………………………. रंगों कि...