Monthly Archive: March 2011

कुछ पलो के ख्याब…. 6

कुछ पलो के ख्याब….

कुछ पलो के ख्याब थे ,जिंदगी बन के लौट गए .. अजीब बात थी|रात की खामोशी भी शोर मचा के लौट गई.. अजीब रुत थी || चिंगारी जो रखी जुबां पे ,वो अंगार बन...