Monthly Archive: May 2010

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नजदीकियां कैसे है ये दिलो के फांसले , जो नजदीकियां को बढाते हैं ;जिंदगी के इस मोड़ पर यह प्यार का नाता हमारा ,रहा कि वीरानियो को जैसे मिल गया हो सहारा तुम्हाराजिनता दूर...

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मासूम सी अदा हर शाम चले जाते हो कल का वादा करके लेकिन तुम बिन कैसे रात गुजार पाएंगेजाने क्या कहते है वो इन दो निगाहों सेऐसा लगे जैसे मोहब्बत का पैगामसुना कर चले...

मै जी लूंगी…मै जी लूंगी ……. 2

मै जी लूंगी…मै जी लूंगी …….

मै जी लूंगी…मै जी लूंगी ..…..अजीब है इस दिल की हसरते भीपास हो कर भी दूरियाँ हैं कितनीछुने का मन करता हैपर उसके खो जाने का भी डरसताता हैंबैठे है हम पास उनके इतनामन...