अजन्मी बच्ची की पुकार ………
अजन्मी बच्ची की पुकार ………माये ..क्यों तू ही मेरी दुश्मन बनीक्यों तू खुद को ही मारने चली …किया तुने एक घर को रोशनएक बंश बेल को बढने दिया …फिर क्यों ????????तूने मानी सब की...
अपनों के साथ के साथ ….अंजु चौधरी
अजन्मी बच्ची की पुकार ………माये ..क्यों तू ही मेरी दुश्मन बनीक्यों तू खुद को ही मारने चली …किया तुने एक घर को रोशनएक बंश बेल को बढने दिया …फिर क्यों ????????तूने मानी सब की...
जीवन है येएक कटी पतंगयह मै मानती हूदिन को तो ढलना हैशाम होने परसब जानते हैफिर भी …सूरज सुबह होते ही आता हैडरता नहीं डूबने के डर से ,वो ऊबता नहीं ,अपनी ही दिनचर्या...
चुनावी दौरलो जी ,फिर आया मौसम ,चुनाव काफिर से मुद्दों कि मुहीम छिडी…फिर से शुरू हुई वोटो को मांगने की..भीखहर प्रत्त्याशी ने अपने पत्ते है खोलेफिर से झूठे वादों का दौर आया …कही तो...
मै क्या हू …..?मै क्या सोचती हू ?मै क्या चाहती हू ?खुद नहीं जानती ……..क्या पाना ,क्या खोनामेरे लिए सब एक सा है ..क्यूकि इस दिल से उम्मीद ….शब्द ही मिट चुका है|कभी सोचू………ऐसा...
दो हंसो का जोड़ानिर्मल,पवित्र ,पाक साश्वेत, श्यामल स्वछ सा ..चला है इस पार से उस पार..अपने पशुत्व को जीत केदेने चला सबको प्यार का उपहार …….दो हंसो का जोड़ा ……..देखो फिर बदली दिशा अपनी...
होली है ………होली है …….आयो खेले होली मिल केदिल से दिल तक है ये सफ़रइस बार …फागुन कुछ बहका बहका हैमन भी कुछ महका महका हैले रंगों के बोछार…उडे लाल लाल गुलाल..भरे प्यार की...