आयो ले चले तुम्हे अपनी दुनिया मे………………
आयो ले चले तुम्हे अपनी दुनिया मे
जंहा प्यार है …
दुलार है अपनों का
जंहा अपने है ……
और अपनेपन का वास है
और
जिस प हुम्हे अटूट
विश्वास है …
आयो ले चले .तुम्हे अपनी दुनिया मे ……
जंहा साथ है साथ निभाने वाला
जंहा सब है एक
घर को….घर बनाने वाले ….
आयो इस जंहा को अपना बनाये …
दुखो को दर किनारा कर ..
थामे खुशियों का दामन
मांगे अपनों का साथ ..
आयो हम भी …
अपनों का साथ निभाए
आयो ले चले तुम्हे अपनी दुनिया मे……..
मेरी इस दुनिया मे
धोखा नहीं ….फरेब नहीं ..
झूठ और मक्कारी नहीं …
है तो बस …,,,,
प्यार और अपनों पे विश्वास …
आयो ले चले तुम्हे अपनी दुनिया मे……….,,,,,,,,,,,,,,,,
.(…..कृति …….अनु…….)
sachiiiiiiiii muchiiiiiii
jindgi ko bhali bhati samjhte ho. warna
koi itni saralta se itne sare bato ko byakt nahi kar sakta