क्षितिजा | अपनों का साथ
सरहद के पार से
२२/८/१७ Aamby valley…लोनावला… मैं पूरे परिवार के साथ परिवार एक साथ यहाँ घूमने आई हूँ |बच्चे अपने अपने कमरे में,अपनी अपनी पत्नी के साथ और जगमोहन और मैं अपने कमरे में |जगमोहन टीवी...
बेटी की चतुराई
उस दिन मैं घर पे अकेली थी और पापा! मम्मी,दादी और विक्की को लेकर आने वाले है |पर पापा तो घर आते ही सबको छोड़ दादी पर बेकार का चिल्लाने लगते थे| दादी...
वफ़ा या बेवफा …..(एक कहानी …मेरी और आपकी )
वक़्त की मार से कोई ना बचा है और न बचेगा …..कब क्या हो जाये कोई कुछ नहीं बता सकता ….आज कुछ ऐसी ही एक कहानी ले कर मै आपके सामने आई हूँ …….कहानी...
कुछ पलो के ख्याब….
कुछ पलो के ख्याब थे ,जिंदगी बन के लौट गए .. अजीब बात थी|रात की खामोशी भी शोर मचा के लौट गई.. अजीब रुत थी || चिंगारी जो रखी जुबां पे ,वो अंगार बन...